तो, क्या आपने कौन बनेगा करोड़पति का स्वतंत्रता दिवस स्पेशल एपिसोड देखा? आपने शायद हॉट सीट पर दो अधिकारियों को देखा होगा और सोचा होगा कि यह एक अच्छी श्रद्धांजलि है। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती। वो एक टीवी अपीयरेंस एक बड़े विवाद का केंद्र बन गया है जो एक सैन्य अभियान, एक आतंकवादी हमले और एक जबरदस्त भारत-पाकिस्तान क्रिकेट फाइनल को जोड़ता है। हाँ, यह मामला काफी बड़ा है।
ये अधिकारी ऑपरेशन सिंदूर से सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह थीं। 14 अक्टूबर को KBC पर उनकी उपस्थिति सिर्फ एक सामान्य क्विज़ सेगमेंट नहीं थी, बल्कि इसने कथित तौर पर “एक विवाद को जन्म दे दिया।” क्यों? क्योंकि यह एशिया कप 2025 के हाई-स्टेक ड्रामा में उलझ गया।
क्रिकेट के मैदान पर क्या हुआ?
देखिए, भारत-पाकिस्तान फाइनल के बाद हालात अविश्वसनीय रूप से तनावपूर्ण हो गए। भारतीय टीम ने मोहसिन नकवी से विजेताओं की ट्रॉफी स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया, जो न केवल एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के प्रमुख हैं, बल्कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष भी हैं। यह एक बहुत बड़ा बयान था।
यह सिर्फ खराब खेल भावना नहीं थी। यह भयानक पहलगाम आतंकवादी हमले की सीधी प्रतिक्रिया थी। उसी हमले ने मई में सबसे पहले ऑपरेशन सिंदूर को जन्म दिया था। खिलाड़ियों का इनकार एक संदेश था। और यह एक ज़ोरदार संदेश था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए भारत की जीत को “खेल के मैदान पर ऑपरेशन सिंदूर” बताया। जब प्रधानमंत्री खुद एक क्रिकेट जीत को एक सैन्य जवाबी कार्रवाई से जोड़ते हैं, तो आप समझ सकते हैं कि यह कितना गंभीर है।
मामले को जोड़कर देखें
तो KBC की उपस्थिति इसमें कैसे फिट बैठती है? इस बढ़ते কূটনৈতিক और खेल तनाव के बीच इतने बड़े सार्वजनिक मंच पर ऑपरेशन सिंदूर के अधिकारियों की उपस्थिति ने ही हलचल मचा दी। इसने मनोरंजन, सैन्य कार्रवाई और राष्ट्रीय गौरव के बीच की रेखाओं को धुंधला कर दिया।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ऑपरेशन सिंदूर क्या था। यह मई में एक बड़ी सैन्य तैयारी की कार्रवाई थी जिसमें भारत ने पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे, जिसमें पोस्ट और एयर बेस शामिल थे, को भारी नुकसान पहुंचाया था। यह एक गंभीर खतरे की एक गंभीर प्रतिक्रिया थी।
क्रिकेट मैच का असर भी जारी है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अब कथित तौर पर मोहसिन नकवी के खिलाफ प्रतिबंधों की मांग करने की योजना बना रहा है। वे पूरे ट्रॉफी विवाद पर उन्हें ICC के निदेशक मंडल से हटाना चाहते हैं। ऐसा लगता है कि यह टकराव अभी खत्म नहीं हुआ है।
तो जो एक विशेष KBC एपिसोड के रूप में शुरू हुआ, वह अब एक बहुत बड़ी राष्ट्रीय बहस का हिस्सा है। आपको क्या लगता है? क्या अधिकारियों का शो में आना उचित था, या इसने मनोरंजन को संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों के साथ अनावश्यक रूप से मिला दिया?



